वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से
वो और थे जो हार गए आसमान से
~फ़हीम जोगापुरी
Jun 29, 2019
चलते चलते (५८)
रास्ते कभी नहीं बताते कितना जुनून था तुममे,
मंजिल पर पहुचने वाले को ही जानते हैं लोग !
- अंकुर मिश्रा
चलते चलते (५७)
तुम ले के अपने हाथ में ख़ंजर न देखना
और देखना तो तन पे मिरे सर न देखना
दुश्मन भी मेरे साथ ही आता है बज़्म में
तुम को क़सम है आँख उठा कर न देखना
#मिर्ज़ामायलदेहलवी
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