ARVIND
Mar 18, 2017
चलते चलते (२२)
अजनबी शहर के अजनबी रास्ते,मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे मैं बहुत देर तक यूँ ही चलता रहा,तुम बहुत देर तक याद आते रहे।
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