ये चादर सुख की मौला क्यूँ सदा छोटी बनाता हैं ?
सिरा कोई भी थामो, दूसरा ख़ुद छूट जाता है ,
तुम्हारे साथ था तो मैं ज़माने भर में रुसवा था ,
मगर अब तुम नहीं हो तो ज़माना साथ गाता है..!
सिरा कोई भी थामो, दूसरा ख़ुद छूट जाता है ,
तुम्हारे साथ था तो मैं ज़माने भर में रुसवा था ,
मगर अब तुम नहीं हो तो ज़माना साथ गाता है..!
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