Dec 17, 2014

गुफ्तगू (5)

रहेनुमा अपने को जो भी बताते फिरते थे , सच तो ये है हम उनकी शय से बहुत डरते थे ।
नाम लेते थे वो दीनो धर्म का कुछ इस तरह , इबादत गाह मे भी कत्ल किया करते थे ।
RIP#Peshawar kids

Dec 11, 2014

चलते चलते (14)

यूं न पढ़िए कहीं कहीं से हमें,
हम इंसान हैं, किताब नही...

गुफ्तगू (4)

मेरे कारनामा-ऐ-जिंदगी मेरी हसरतों के सिवा कुछ नहीं...
यह किया नहीं...वो हुआ नहीं...यह मिला नहीं...वो रहा नही......

Dec 6, 2014

चलते चलते (13)

ना जाने कौन मेरे हक में दुआ पढ़ता है
डूबता भी हु तो समन्दर उछाल देता है…