Apr 19, 2017

चलते चलते (२६)

उस बस्ती के लोगों से जब बातें कीं तो ये जाना दुनिया भर को जोड़ने वाले अंदर अंदर बिखरे हैं
ज़िंदा रहना खेल नहीं है इस आबाद ख़राबे में वो भी अक्सर टूट गया है हम भी अक्सर बिखरे हैं

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